रानी अहिल्याबाई होल्कर, मराठा साम्राज्य की एक महान शासिका, न केवल एक कुशल प्रशासक थीं बल्कि सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की प्रतीक भी थीं। उनका शासनकाल (1767–1795) भारतीय इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय रहा, जिसमें उन्होंने जनकल्याण को शासन का मूल उद्देश्य बनाया। आज, मध्यप्रदेश सरकार उनके आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए कई योजनाओं और कार्यक्रमों पर कार्य कर रही है।
महिला सशक्तिकरण में अहिल्याबाई का योगदान और वर्तमान में सरकार की योजनाएं
रानी अहिल्याबाई ने अपने शासन में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया। वे मंदिर निर्माण से लेकर व्यापारिक व्यवस्थाओं तक महिलाओं को स्थान देती थीं। उन्होंने विधवा पुनर्विवाह और स्त्री शिक्षा के समर्थन में कदम उठाए, जो उस समय क्रांतिकारी विचार थे।
मध्यप्रदेश सरकार की पहलें:
लाडली बहना योजना: यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को मासिक आर्थिक सहायता प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। स्व-सहायता समूह (SHG) प्रोत्साहन: राज्य में लाखों महिलाएं SHG से जुड़कर स्वरोजगार कर रही हैं। इन्हें सस्ती दरों पर ऋण, प्रशिक्षण, और विपणन सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना: महिला उद्यमियों को स्टार्टअप खोलने के लिए ऋण और मार्गदर्शन दिया जा रहा है।
शिक्षा और स्वावलंबन पर रानी अहिल्याबाई का दृष्टिकोण और वर्तमान प्रयास
रानी अहिल्याबाई ने शिक्षा को सामाजिक विकास की कुंजी माना। उन्होंने कई स्कूलों और पाठशालाओं की स्थापना की, जहां महिलाओं को भी शिक्षा मिलती थी।
वर्तमान प्रयास:
स्कूल चलें हम अभियान: इस अभियान के तहत बेटियों की शिक्षा को प्राथमिकता दी जाती है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में। समग्र शिक्षा अभियान: इसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक सभी बच्चों, विशेषकर बालिकाओं, की पहुंच सुनिश्चित करना है।
रानी अहिल्याबाई का सतत विकास और धार्मिक समरसता का मॉडल
अहिल्याबाई ने भारतभर में सैकड़ों मंदिरों, धर्मशालाओं, कुओं, घाटों और सड़कों का निर्माण कराया, जिनमें सभी धर्मों और जातियों के लिए समान दृष्टिकोण था।
मध्यप्रदेश सरकार का दृष्टिकोण:
अहिल्याबाई होल्कर जन्मजयंती पर विशेष कार्यक्रम: सरकार ने उनकी 300वीं जयंती को “अहिल्या गौरव वर्ष” के रूप में मनाने की घोषणा की है, जिसके तहत राज्यभर में सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
धार्मिक पर्यटन विकास: महेश्वर, उज्जैन और ओंकारेश्वर जैसे स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं विकसित कर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
आत्मनिर्भर ग्राम और रानी अहिल्याबाई का ग्रामीण विकास दृष्टिकोण
अहिल्याबाई ने गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि, पशुपालन और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा दिया।
मध्यप्रदेश सरकार की ग्राम विकास योजनाएं:
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण): गरीबों को पक्के घर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
स्मार्ट ग्राम योजना: गांवों को स्वच्छ, डिजिटल और स्वावलंबी बनाया जा रहा है। कृषक उद्यम योजना: किसानों को कृषि आधारित लघु उद्योग खोलने के लिए आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
रानी अहिल्याबाई होल्कर का विजन – एक आत्मनिर्भर, समावेशी और न्यायप्रिय भारत – आज के ‘विकसित भारत’ के संकल्प से पूरी तरह मेल खाता है। मध्यप्रदेश सरकार उनके सिद्धांतों को आधार बनाकर महिलाओं, ग्रामीणों और समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। यह न केवल ऐतिहासिक विरासत को सम्मान देना है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक आदर्श मॉडल भी प्रस्तुत करता है।
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